i wrote some lines 4-5 months ago, when i feel very lonely.....

दूर हो रहा हूँ मैं सबसे,
या सब दूर हो रहे हैं मुझसे,
मैं अच्छा हूँ या बुरा,
एक बार बता दे मुझे,
मैं सबको समझने वाला,
आज खुद को न समझ पा रहा हूँ,
मैं, मेरी तन्हाइयो से अक्सर,
यही बातें किया करता हूँ....


अकेलेपन में देती तू साथ,
जरुर तू भी अकेलेपन में हैं,
तुझे मेरी जरुरत हैं,
या मेरी तुझे जरुरत हैं,
कहते हैं जब किसी का कोई यार ना होता,
तू उसका यार बन जाती हैं,
मैं, मेरी तन्हाइयो से अक्सर,
यही बातें किया करता हूँ....

मैं इस दुनिया से कोई उम्मीद न रखता,
फिर तू किस उम्मीद से आती हैं,
हैं तेरी कोई ख्वाहिश तो बता दे,
टूट चुका हूँ इतना,
की पूरा नहीं कर पाऊंगा,
अँधेरो में साया भी छोड़ देते साथ,
फिर तू क्यूँ साथ देती हैं,
मैं, मेरी तन्हाइयो से अक्सर,
यही बातें किया करता हूँ....