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रात के अंधेरो में बैठे....

When i was sat on wall of my hostel's roof lonely. In the black night. timing may be 01:00 AM. that time i wrote this poem....




रात के अंधेरो में बैठे,
आज फिर से यह दिल,
न जाने कहाँ खो गया,
यह सुने सुने रास्ते,
न जाने कहाँ मुझे बुला रहे,
इन रास्तो पे,
न कोई आता जाता,
फिर यह नजरे किसे ढुंढती....

यह ठंडी ठंडी फिजाये,
न जाने किसकी याद दिला रही,
यह महकी महकी खुशबू,

फांसी.. एक छोटी सजा हैं


छोटा सा सवाल मेरा..
दिल्ली दिलवालो की..
या बलात्कारियो की..
जहाँ सीएम एक औरत..
वहाँ औरतो का ही..
आया समय मनहूस..
आजादी के 65 साल बाद भी..
यह कैसी आजादी है..
जहाँ इज्जत की..

राहुल गांधी की चिंता

गुजरात चुनाव के नतीजों से पूर्व संध्या पर कांग्रेस कोर कमिटी की
मीटिंग:-रिपोर्ट ­:- छिछोलेदार
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सोनिया गाँधी :- तो तैयार हैं न सब कल के लिए???
बेनी प्रसाद :- हाँ मैडम जी, मै बिलकुल तैयार हूँ ... मैंने नया कुरता
धोती ख़रीदा है|
राजीव शुक्ला :- हैं !!! नया कुरता धोती ?? लेकिन किस लिए ??
बेनी प्रसाद :- हाँ शुक्ला बाबू .. कल मोदी को गुलदस्ता देने जायेंगे न
इसलिए मैंने महँगा वाला कुरता धोती ख़रीदा है
सोनिया गाँधी :- बकवास बंद करो , बेनी | जब देखोतब महंगा महंगा ... अक्ल
तो दो कौड़ी की नहीं है
सुन लो सब ध्यान से .. कल मेरे लल्ला पर कोई आंचनहीं आनी चाहिए
सलमान खुर्शीद :-

आज का दिन भारतीय संस्कृति के नाम


आज 17 दिसम्बर का दिन देशवासियो के लिये कुछ खास था. जहाँ एक तरफ गुजरात
में विधानसभा चुनाव के मतदान का आखिरी दिन था, तो राज्यसभा में प्रमोशन
आरक्षण बिल पर वोटिंग होनी थी, तो नागपुर में भारतीय क्रिकेट टिम
इंग्लैण्ड के खिलाफ आखिरी टेस्ट के आखिरी दिन 8 साल बाद घर में व 28 साल
बाद इंग्लैण्ड के खिलाफ घर में सीरीज बचाने के इरादे से उतरा था. आज पुरे
दिन के घटनाक्रम में अगर कुछ देखने को मिला तो वो थी भारतीय संस्कृति की
झलक और वो भी एक नहीं दो बार.सबसे पहले दोपहर राज्यसभा में

Stranger's why?

May be 2-3 years ago..not confirm about time, i had sat in the
bus. Bus had stood at bus stop. not remember about place. Next
moment one person enter into the bus. He is look like well
educated,good pesonality, age may be near 40. I was listening songs
with the help of ear-phone. Bus departed shortly. After short time He
asked me "Where are you going?".
I could not hear his voice.
He again asked me "Where r u going?".
This time i heared his voice and then removed my ear-phone from my ear
and replied..not remember about my reply hehehehe.
His next question about me "what are you doing?".
I answered "i am a student of B.Sc.(IT)".
"Ohhhh! You are a student of computer science"He smiled.
I said "yaaaa".
His next question "what you want to become in future".

चुटिया बना रही हैं सरकार

12.12.12 को राजस्थान सरकार के 4 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में सरकार
अपनी उपलब्धिया गिना रही हैं, कह रह हैं कि सरकार ने गरीब परिवारो को 2
रूपये किलो गेहूँ दिये, पर जनाब उन गेहूँ से रोटी बनाने के लिये केरोसिन
के दाम बढा दिये उसका क्या? फिर ये गेहूँ क्या भाव पडे उन गरीब परीवारो
को? सरकार बस जनता को चुटिया बनाना जानती है। दो दिन पहले का उदाहरण ही
ले लो, मोइली साहब ऐलान करते है कि 6 की जगह 9 सिलेण्डर मिलेगें और अगले
ही दिन केन्द्र से बयान आता हैं कि सिलेण्डर के दाम 109 रूपये बढा दिये
जायेगें क्यूकिं सरकार को 9000 करोङ का घाटा हो रहा है,

 इसका मतलब ये हुआ

मैं गरीब किसान रे..


सुना था बचपन में..
मेरा देश हैं अन्नदाता..
यकीन तब हुआ..
जब गोदामो में अन्न..
सडकर बर्बाद हुआ..
कुछ फर्क न पडा..
इन सफेद कुर्ते वालो को..
पर एक किसान की..
मेहनत का तो मजाक बना..

संसद में मिलता हैं..

A sad love story of a stranger

यह प्रेम कहानी जब मैंने इन्टरनेट पे पढी तो मुझे मेरे भैया का एक डायलोग
याद आया....कि हर सफल आदमी के पीछे किसी औरत का हाथ नहीं होता बल्कि औरते
हमेशा सफल आदमी को ही चुनती हैं....

Wo meri best thi. Main use poore dil se love karta tha aur wo bhi
mujhse pyar karti thi.Meri anu Aaliya li Love story 3 saal se chal
rahi thi. Inter passout hone k bad main Dehradun aa gaya aur wo Kanpur
reh gai but hum dono ek doosre se contact me the using phone and
facebook. Humari batein daily hoti thi. Dil bekarar rehte the milne k
liye but doori kafi thi hum dono k cities k beech. Main Engineering
kar raha tha aur chahta tha ki Aaliya ko bhi apne pas bulau. Wo mujhse
ek class peechhe thi so maine use dehradun banana ka man bana liya
tha.Aaliya mere liye sabkuchh thi, humari Love Story me Koi rukawat
nahi thi. Beintaha muhabbat thi aur dheere dheere hamari lovestory
marriage tak pahuch gai.

But Kuchh baton ne mere liye ?Love? ki definition

डुब रहे हैं खेल अपने


क्रिकेट में भी हारे....
हॉकी में भी....
जीत रही अकेली बस....
नेहवाल ही....
फुटबॉल हम....
खेलते नहीं....
बॉक्सिंग मे....
खेलायेगे नहीं....
पेस-भुपति को....
लडाई से फुरसत नहीं....
डुब रहे हैं खेल अपने....
किसी को कोई परवाह नहीं....

कल की रात


कल की रात,
बैठे थे हम चार यार,
मैं,
मेरी तन्हाई,
मेरे आंसू
और उसकी यादे,
बात हो रही थी बेवफाई की,
कोई सुना रहा था अपना गम,
कोई बांट रहा था अपना दर्द,
मगर यादें थी खामोश,
मैनें उससे एक सवाल किया,
उसने कुछ युं जवाब दिया,
कैसे अपना हाल-ए-दर्द बयान करू,
अच्छी यादें याद करू,
तो बुरी याद आ जाती है,
बुरी यादें याद करू,
तो अच्छी याद आ जाती हैं,
अचानक आंसू कुछ बडबडाया,

Mujhe Garv Hai!


Lucky College, room no. 3, time 10:25, kaafi khaamoshi thi kamre me..Thik vaise hi jaise tufaan aane se pahle beach pe hoti hai..Fir kuch aisa hua jo sirf RTU jaisi mahaan university ki hi den ho sakti hai..CG ke paper me DSA ke questions..three things about RTU is more interesting than Gandhiji's 3 monkeys..1.hum padhte kuch hai..2.paper me aata kuch hai..3.aur hum likhte kuch aur hi hai..Darwaaje ke baahar Lucky school ki building ko dekhkar mujhe apne school tym ki yaad aa gyi thi..Us waqt agar paper me out of course question aate toh Guruji aake kehte" Baccho! 7-8 no. question kaat do"..par yaha to dur dur tak aisa koi farista nhi dikh rha tha..agar ho bhi to kya kahega"Baccho!

द ग्रेट इंडियन वैडिंग तमाशा

[This is not my own content]
द ग्रेट इंडियन वैडिंग तमाशा:--
ये मेरे मित्र की मति का शहादत दिवस है। आज वोशादी कर रहा है। मैं तय समय से एक घंटे बाद सीधे विवाह स्थल पहुंचता हूं, मगर लोग बताते हैं कि बारात आने में अभी आधा घंटा बाकी है। मैं समझ गया हूं कि शादी पूरी भारतीय परम्पराके मुताबिक हो रही है। तभी मेरी नज़र कन्या पक्ष की सुंदर और आंशिक सुंदर लड़कियों पर पड़ती है। सभी मेकअप और गलतफहमी के बोझ से लदी पड़ी हैं। इस इंतज़ार में कि कब बारात आए और वर पक्ष का एक-एक लड़का खाने से पहले, उन्हें देख गश खाकर बेहोश हो जाए।तभी ध्वनि प्रदूषण के तमाम नियमों की धज्जियां उड़ाती हुई बारात
पैलेस के मुख्य द्वार तक पहुंचती है। ये देख कि उनके स्वागत में दस-बारह
लड़कियां मुख्य द्वार पर खड़ी हैं, नाच- नाच कर लगभग बेहोश हो चुके दोस्त, फिर उसी उत्साह से नाचने लगते हैं। किराए की शेरवानी में घोड़ी पर बैठा मित्र पुराने ज़माने का दरबारी कवि लग रहा है। उम्र को झुठलाती कुछ
आंटियां सजावट में घोडी को सीधी टक्कर दे रहीहैं और लगभग टुन्न हो चुके कुछ अंकल,जो पैरों पर चलने की स्थिति में नहीं हैं,धीरे-धीरे हवा के वेग से मैरिज हॉल में प्रवेश करते हैं।

अंदर आते ही बारात का एक बड़ाहिस्सा

चिरकुट बाबा का CoMpUtEr SoNg

This is not my own content  

फेसबुक सा फेस है तेरा, गूगल सी हैं आँखें,
एंटर करके सर्च करूँ तो बस मुझको ही ताकें,
रेडिफ जैसे लाल गाल तेरे हॉटमेल से होंठ,
बलखा के चलती है जब तू लगे जिगर पे चोट,
सुराही दार गर्दन तेरी लगती ज्यों जी-मेल,
अपने दिल के इंटरनेट पर पढ़ मेरा ई-मेल,
मैंने अपने प्यार का फारम कर दिया है अपलोड,
लव का माउस क्लिक कर जानम कर इसे डाउनलोड,
हुआ मैं तेरे प्यार में जोगी, तू बन जा मेरी जोगिन,
अपने दिल की वेबसाईट पर कर ले मुझको लोगिन,

RTU ka Welcum


Hawa me udta aaya..
Ek halka sa paper..
Yeh ek bas..
Mann ka vaham tha..
Na aage side se kuch aave..
Na paper ki pichli side se..
Sach toh yeh hai..
Kisi bhi angel se kuch naa aave..
Tha thoda deeply..
Jaise paatal lok me baithkar banaya ho..
Sabke chehre pe..
Ek ajeeb khushi..
Jo sirf baahar se thi..

'कसाब'

जब कसाब सरेआम लोगो को मार सकता है तो उसे सरेआम सबके सामने फाँसी क्यूँ नही दी गई....26/11 के वक्त जब लोगो पर गोलीबारी चल रही थी....लोग तड़प तडप के मर रहे थे, तब देश का मीङिया अपनी जान जोखिम में डालकर LIVE TELECAST कर रहा था....तो कसाब की मौत का LIVE TELECAST क्यूँ नही?....

हाल-ए-दर्द स्टुडेण्ट का....



सर्दी में जल्दी उठता,
जाता क्लास में पढने,
नहीं आते उस दिन गुरूजी,
फिर विश्वास उठ जाता पढाई से,
एक दिन वो नहीं आते,
एक दिन हम नहीं जाते,
बस यूहीं पूरा सेमेस्टर निकल जाता हैं,
ऐ खुदा! कैसे सुनाऊँ,
हाल-ए-दर्द स्टुडेण्ट का.... 

गुरूजी कहते,
दिल लगाकर पढो बच्चो,
जरूर सफलता मिलेगी,
दिल तो एक दिन भी नही करता,

my best moments in last 20 years

Maasum si unguliyo se,
 kisi ki unguli pakdna, 
wo naajuk kadmo se ladkhadaana,
 wo chacha ki cycle se mele me jaana,
 yaa wo papa se cursive writing sikhna,
 roj ke paanch lesson yaad karna,
 nhi to fir wo mummy se pitaai,
 wo ghar ghar khelna,
 yaa wo kacchi umar ka romance,
 aaj wo sab yaad aa raha hai,
bas waq bitta jaa raha hai,
 aur manjil ab bhi dur hai......


 Wo class me first aane ke 51 rupees inaam,

'क' फैक्टर ले डुबेगा काँग्रेस को!

पूरा देश वाकिफ है कि काँग्रेस इस समय विकट परिस्थिति से गुजर रही है इसकी मुख्य वजह है'क' फैक्टर! ये कारवा 'क' से कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 से शुरू हुआ था जो 'क' से करप्सन, 'क' से कालमाडी, 'क' से काँग्रेस, 'क' से कैग रिपोट, 'क' से करूणानिधी, 'क' से कालाधन, 'क' से कोयला से होते हुये 'क' से केजरीवाल तक आ पहुँचा हैं!अब न जाने यह 'क' फैक्टर कब तक काँग्रेस की नींद हराम करेगा!

MOHABBAT



aayne ke saamne khade hokar, apne aansuo me kuch yuh bah gaya,
uski yaado ke safar me, ab main tanha naa raha,
nikal aate hai aansu, jab kadvi yaadein meethi lagti hai,
de jaate hai thandak, jab baichain dil tadap uthta hai,
yeh mere jo armaan hai, sirf unn aansuo ko dekh kar hai aate,
tab maine socha agar tute dilo ko aansu sahara naa dete, toh kaun deta.

meri aankhon me dard me hai kuch aisa, ki jamana mujhe aashiq kehta hai,
mere dil se nikle lafz hai kuch aise, ki jamana mujhe shayar keh deta hai,
mohabbat bana deti hai, mastaano ko deewaana,
toh mujh jaiso ko deewano ki pankti  me khada kar deti hai,

भारत, इंडिया बन गया हैं....

Hello Everybody, tommorrow 66th independence day of our country. 65 saal beet gaye bharat ko aajad huye iss 15 august ko india apna 66th independence day  manayega....bharat nhi india. inn 65 years me kuch nhi badla sivay 'bharat' word ke. kyunki aaj ki taarikh me duniya ki najro mein desh ki pehchaan sirf india se hai....bharat se nhi. cricket me india, teesri sabse badi fauj INDIA, international market ki economy ko increase karne waala desh INDIA , atomic power ke according INDIA, foreign me sabse jyada demand INDIA ke doctors engineers ki etc. etc. lekin bahut se bharat ke naagriko ke naseeb me do waqt ki roti bhi nhi hai, unke liye toh bharat aaja bhi vaisa hi hai jo 65 saal pahle tha..india toh sirf duniya ke liye hai. so my new poem "kuch naa badla inn 65 saalo me bas bharat, india ban gaya hai"
आतंकियों के साये में हम रहते हर पल,
ख़त्म न होती जातिवाद की सियासते,
चल रही हैं हर पल,
न अफजल मर, न कसाब,
बस बेगुनाह मारे जा रहे हैं,
कुछ ना बदला इन 65 सालो में,
बस भारत, इंडिया बन गया हैं....

एक वीर ने खायी थी घास की रोटियाँ,
अब बहुतो के नसीब में वो भी ना हैं,
देश के लिए तीन युवा चढ़े थे सूली पर,

खोया खोया सा रहता हूँ....


iss weekand pe ek new poem from my heart....for everybody whoose khoye khoye se rehte hai....dube dube se rehte hai....



कोई खामोशी,
दिल को खाए जा रही हैं,
कोई बैचैनी,
दिल को छुए जा रही हैं,
कुछ तो बात जरुर हैं,
आजकल के फसानो में,
की खोया खोया सा रहता हूँ,
डूबा डूबा सा रहता हूँ....

लहरों की तरह,
हम भी बहा करते थे,

Dil tu aakhir kyun rota hai....

02:27 AM,........"no neend in ma eyes........ab kya karu guys".
                                                                                              Suddenly ringtone play in ma cell..... FARHAAN AKHTER's poem from ZINDAGI NAA MILEGI DOBARA...................................
                                                         
                                                         
"Jab jab dard ka baadal chaya,
Jab ghum ka saya lehraya,
Jab aansoo palkon tak aya,
Jab yeh tanha dil ghabraya,
Humne dil ko yeh samjhaya,
Dil aakhir tu kyun rota hai,
Duniya mein yunhi hota hai"
           
Really heart touching............fir socha kyun naa main bhi kuch likhu..........aur kuch lines pesh aapke liye jo extreme edition of this poem.........

                                                 
"jab jab matlabi duniya ka saaya lahraaya,
tab tab iss duniya ne hath failaya,
 tu har kisi ke kaam aaya,
fir bhi tu kisi ke mann ko naa bhaaya,
Humne dil ko yeh samjhaya,
Dil aakhir tu kyun rota hai,

BAATEIN....


"Zindagi ki kashmkash me kuch baatein adhoori reh jaati hai,zindagi ki kashmkash me kuch baatein adhoori reh jaati h aur jo baatein dil me chupi hoti h....wo baatein sirf yaadein banke reh jaati hai." Kisi ko apne dil ki baat naa bata paane ka dard uss insaan se behtar kaun samajh sakta h jo ek mombatti ki tarah pighal pighal ke usse mohbbat kiye jaa raha h bt ander hi ander jalne ka gum wo use naa bata paa raha h. Duniya kehti hai ki mom jab pighalega tabhi to roshni dega....par duniya kya jaane ki mom pighal ke bhi mom ban jaata h kyunki kisi ko dil ki baat na bata paane ke kaaran wo baatein sirf yaadein ban ke reh jaati h......dil se